प्रीपेड और पोस्टपेड में 5 प्रमुख अंतर, फायदे और नुकसान

प्रीपेड और पोस्टपेड में क्या अंतर होता है, यह जानना उन सभी लोगों के लिए, जो मोबाइल सिम यूज करते हैं, या कोई और सर्विस यूज़ करते हैं, जहां प्रीपेड और पोस्टपेड का ऑप्शन होता है, जरूरी है.
ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार कम खर्च में सर्विसेस का बेहतर फायदा उठा सकें

कई बार लोगों को प्रीपेड और पोस्टपेड में अंतर ना पता होने के कारण नुकसान उठाना पड़ता है

प्रीपेड क्या है? –

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, प्रीपेड का मतलब होता है पहले पेमेंट
अगर आप कोई भी प्रीपेड सर्विस लेते हैं, तो इसका मतलब होता है कि पहले आपको उस सर्विस के लिए पेमेंट करना होता है, फिर आप उस सर्विस का फायदा उठा पाते हैं

पोस्टपेड क्या है? –

पोस्टपेड का मतलब होता है सर्विस का उपयोग करने के बाद भुगतान

पोस्टेड में आप किसी भी सर्विस को पूरे महीने भर उपयोग करते हैं, फिर महीने के अंत में बिल जनरेट होने के बाद, बिल पेमेंट करते हैं

प्रीपेड और पोस्टपेड सिम क्या होता है?

प्रीपेड और पोस्टपेड के अन्य सेवाओं की तरह ही, प्रीपेड और पोस्टपेड सिम भी अलग-अलग मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा प्रोवाइड की जाती है

प्रीपेड सिम का मतलब होता है कि इसमें पहले आप किसी एक उपलब्ध प्लान से रिचार्ज करते हैं, फिर उस प्लान का फायदा उठा पाते हैं

वही पोस्टपेड सिम में आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई एक प्लान चुनते हैं, और महीने भर उस प्लान का उपयोग करने के बाद अगले महीने उस प्लान के लिए पेमेंट करते हैं

आज भारत में 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जिनमें 97% के करीब प्रीपेड सिम प्रयोग करने वाले लोग हैं

  • आप प्रीपेड सिम यूज कर रहे हैं या पोस्टपेड उससे सिम के साइज और डाटा स्पीड पर कोई फर्क नहीं पड़ता है
  • प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों तरह के ही सिम में आप सभी तरह के सर्विसेज जैसे कि कॉल, डाटा और अन्य सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं

कौन सस्ता है, प्रीपेड या पोस्टपेड सिम?

जब हम प्रीपेड सिम और पोस्टपेड सिम पर उपलब्ध प्लांस और उसमें मिलने वाली सुविधाओं को कंपेयर करते हैं, तो हमें यह साफ पता चलता है कि प्रीपेड सिम लेना सस्ता पड़ता है, जबकि पोस्टपेड सिम में कुछ एक्स्ट्रा सुविधाएं जरूर मिलती हैं, लेकिन उसके लिए आपको पैसा ज्यादा पे करना होता है.

जब भी हम कोई प्लान प्रीपेड मोबाइल में खरीदते हैं, तो उसमें जीएसटी इन्क्लूड होता है, जबकि पोस्टपेड प्लान में हमें उस प्लान के ऊपर जीएसटी पे करना होता है

भारत में अभी मोबाइल सर्विसेज पर 18 परसेंट जीएसटी लगता है

जैसे कि अगर हम किसी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से 299 का प्रीपेड प्लान खरीदते हैं, तो हमें केवल ₹299 ही देने होते हैं

जबकि अगर हम पोस्टपेड में 299 प्लान चुनते हैं तो हमें इस 299 के ऊपर 18 पर्सेंट जीएसटी एक्स्ट्रा देना होता है, तो हमें कुल ₹350 के करीब पोस्टपेड में देना होता है

प्रीपेड सिम के फायदे

प्रीपेड सिम के बहुत सारे फायदों में से कुछ फायदे निम्न है-

  • प्रीपेड सिम में आप जितने का चाहे रिचार्ज कर सकते हैं, कम से कम ₹10 का रिचार्ज भी कर सकते हैं
  • प्रीपेड सिम फ्री में उपलब्ध है, और उसके लिए आपको कोई सिक्योरिटी डिपाजिट नहीं देना हो
  • प्रीपेड के प्लांस पोस्टपेड के मुकाबले सस्ता होता है
prepaid sim ke fayde aur nuksan
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पोस्टपेड सिम के फायदे

पोस्टपेड सिम के बहुत सारे फायदों में से कुछ फायदे निम्न है-

  • अधिकतर मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर आपको पोस्टपेड सिम के साथ डाटा रोलओवर और मंथली डाटा की सुविधा देते , मतलब आप हर दिन जितना चाहे डाटा यूज़ कर सकते हैं
  • पोस्टपेड सिम में एक बहुत बड़ी सुविधा यह होती है, कि आपको रिचार्ज का झंझट नहीं होता है, मंथली आपके प्लान के अनुसार आपको एक ही बार बिल पे करना होता है
  • देश के कुछ सेंसिटिव पार्ट्स जैसे कि जम्मू कश्मीर और आसाम के कुछ पार्ट्स में रोमिंग के दौरान केवल पोस्टपेड सिम ही काम करता है
  • मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां पोस्टपेड सिम के साथ अपने ग्राहकों को कई तरह की फ्री सेवाएं भी देती हैं, जैसे कि एयरटेल अपने पोस्टपेड कस्टमर को फ्री मोबाइल इंश्योरेंस प्रदान करती है
  • पोस्टपेड प्लांस में कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य सर्विसेस का रिकॉर्ड ग्राहक को आसानी से मिल जाता है
  • पोस्टपेड मोबाइल बिल में आपका एड्रेस दर्ज रहता है जिसे आप एड्रेस प्रूफ के रूप में यूज कर सकते हैं
  • अगर आप पोस्टपेड सिम लेते हैं तो आप अपने पसंद का नंबर चुन सकते हैं जबकि प्रीपेड कस्टमर्स को यह सुविधा नहीं मिलती
  • पोस्टपेड के ग्राहकों को अच्छी कस्टमर केयर सुविधा मिलती है

प्रीपेड और पोस्टपेड FAQs

प्रीपेड पोस्टपेड से सस्ता क्यों है?

पोस्टपेड इन कारणों से प्रीपेड से थोड़ा अधिक महंगा है-

  1. मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को पोस्टपेड कस्टमर के साथ एक डर यह बना रहता है कि महीना भरी यूज करने के बाद अगर कस्टमर ने बिल पेमेंट नहीं किया तो कंपनी का नुकसान हो सकता है
  2. पोस्टपेड नंबर एक्टिवेशन की प्रक्रिया लगभग क्रेडिट कार्ड की प्रक्रिया की तरह होता है जिसमें एड्रेस वेरीफिकेशन किया जाता है, जिसके लिए कंपनी को हर कस्टमर के ऊपर कुछ रुपए खर्च करने पड़ते हैं
  3. पोस्टपेड प्लांस में डेली डाटा लिमिट नहीं होता है
  4. पोस्टपेड यूजर्स को कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध कराया जाता है जिसके लिए कंपनी को खर्च करना पड़ता है

क्या पोस्टपेड प्रीपेड से ज्यादा तेज है?

जी नहीं,

पोस्टपेड प्रीपेड के मुकाबले फास्ट डाटा सर्विस नहीं देता है

आप प्रीपेड सिम का प्रयोग कर रहे हैं, या पोस्टपेड सिम का इससे आपको मिलने वाले डाटा स्पीड पर कोई फर्क नहीं पड़ता है

डाटा स्पीड आपके एरिया में उपलब्ध नेटवर्क और आपके मोबाइल पर डिपेंड करता है

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