क्रेडिट कार्ड का बिलिंग cycle क्या होता है- बिलिंग cycle कैसे काम करता है

क्रेडिट कार्ड का बिलिंग cycle क्या होता है, यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर अधिकतर क्रेडिट कार्ड use करने वालों के पास नहीं होता है। जो क्रेडिट कार्ड उपभोक्ता अपने क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle को समझ गया , वो अपने क्रेडिट कार्ड को सही ढंग से manage कर पाएगा, और हर साल  क्रेडिट कार्ड के कारण अपना हज़ारों रुपये बचा पाएगा।

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क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle of HDFC
क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle

 

दोस्तों जब भी कोई इंसान क्रेडिट कार्ड लेता है तो उसके दिमाग़ में दो तीन बातें चल रही होती है, जैसे की शॉपिंग अब आसान हो जाएगी,  अब बहुत सारे offers जो कार्ड पर आते हैं का फ़ायदा उठा पाउँगा और बहुत सारा पैसा बचा पाउँगा। लेकिन अधिकतर लोगों के साथ होता बिलकुल इसका उलटा है, अक्सर अपने circle में लोगों को कहते हुए सुनते होंगे की जबसे क्रेडिट कार्ड लिया हूँ , बर्बाद हो गया हूँ, हर महीना बिल जमा कर – कर के परेशान हो  गया हूँ , बैंक फ़ाइन पर फ़ाइन और उसके ऊपर GST लगा कर दिमाग़ ख़राब कर दिया है।सोचता हूँ जितना जल्दी हो सके कार्ड बंद कर दूँ।तो अगर आप या आपके कोई दोस्त इस तरह के क्रेडिट कार्ड के भँवर में फँस गए हैं, तो उसके पीछे दो कारण हो सकता है – पहला कारण की क्रेडिट कार्ड का सही  से उपयोग नहीं किया, और  दूसरा कारण ये होता है की आपने या आपके दोस्त ने क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle को नहीं समझा सही से।

आज हम लोग क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle के बारे में सबकुछ जानेंगे, और आप उम्मीद कर सकते हैं  की ये पूरी जानकारी आपको कभी  क्रेडिट कार्ड के भँवर में फ़सने नहीं देगी। आसानी से समझने के लिए हमलोग HDFC CREDIT CARD का example लेंगे जहाँ आपको 20 से 50 दिन का interest फ़्री पिरीयड मिलता है अपना बिल पे करने के लिए।

credit card billing cycle
credit card billing cycle

क्रेडिट कार्ड का बिलिंग cycle क्या होता है?

क्रेडिट कार्ड का statement generation हर महीने एक फ़िक्स्ट डेट को होता है और उसके 20 दिन, 15 दिन या कुछ कार्ड में 25 दिन का टाइम दिया जाता है जिसके अंदर आपको बिना कोई एक्स्ट्रा अमाउंट पे किए आपका प्रिन्सिपल अमाउंट जो आपने कार्ड पर use किया था,पे करना होता है। यह cycle  हर महीने चलता रहता है जिसको बिलिंग cycle कहते हैं। हर बिलिंग साइकल में आपका हर एक ख़र्च जो आपने कार्ड से किया है, इंट्रेस्ट अगर कोई लगा है, फ़ाइन अगर अगर कोई लगा है और GST अगर कोई लगा है का हिसाब हो जाता है और आपका account फ़्रेश हो जाता है। आपके कार्ड पर मिलने वाला रेवॉर्ड पॉंट भी हर एक बिलिंग cycle  के बाद अप्डेटेड होता जाता है। इसलिए आप हमेशा अपना बिलिंग डेट को याद रखिए और उसी के अनुसार अपना ख़र्च प्लान करे। और भी टॉपिक्स जो  आपको बिलिंग cycle को समझने में मदद कर सकते हैं,नीचे दिए गए हैं।

 क्रेडिट कार्ड का बिलिंग डेट क्या होता है? – 

बिलिंग डेट वह डेट है, जब आपके कार्ड पर किए गए सभी प्रकार के ख़र्च का हिसाब किया जाता है,  calculation किया जाता है की बिलिंग डेट तक आपने अपना कार्ड को कितने amount के लिए use किया। अगर आपके पिछले महीने का भी कोई बक़ाया था, मतलब अगर आपने अपना पिछला बिल सही टाइम पर नहीं भरा था, या पूरा नहीं भरा था तो वो amount भी इसमें जोड़ कर आएगा।साथ में late फ़ाइन, अगर आपने पिछला पेमेंट due date पर  या उससे पहले नहीं किया था, और उस फ़ाइन या penalty amount के ऊपर 18 % GST लगा होगा। अगर आपने पिछले महीने बिलिंग अमाउंट का पूरा पे नहीं किया होगा तो उसका भी calculation होगा , वो amount भी आपके इस महीने के बिल में जोड़कर आएगा, और साथ में पिछले महीने के remaining amount पर जो interest लगा है, जो की कम से कम 25 से 30 percent सालाना होता है। इस interest amount के ऊपर भी आपको 18 % GST पे करना होता है।

example के लिए मान  लेते हैं की मेरे पास HDFC का कार्ड है, जिसका बिलिंग date 18 तारीख़ को हर महीने होता है। और due डेट या पेमेंट डेट 20 दिन बाद 8 तारीख़ को हर महीने होता है। यहाँ  हम दो टाइप का situation जो बन सकता है को ध्यान में रख कर billing date को समझने की कोशिश करेंगे।

  1. अगर पिछले due date को मैंने बिल में बताया गया पूरा अमाउंट भरा है –  मैंने इस महीने ८ तारीख़ जो की मेरा पेमेंट डेट होता है से पहले अपना पूरा billed amount ( for example 24  हज़ार ) कर दिया था, और मैंने अपने कार्ड पर  पिछले महीने 18 तारीख़ के बाद से 50 हज़ार ख़र्च किया है। अब जब इस महीने 18 तारीख़ रात को मेरा बिल generate होगा तो मेरा billed amount 50 हज़ार ही होगा, जो मैंने अपने shopping और services के लिए ख़र्च किया था। अलग से कोई interst और उस interest amount पर GST नहीं लगा होगा। इस महीने का पेमेंट मुझे अगले महीने 8 तारीख़ तक करना है। अगले महीने 8 तारीख़ या उससे पहले पूरा अमाउंट 50 हज़ार pay करके मैं हर तरह के फ़ाइन, interest और इन दोनो के ऊपर लगने वाले GST से बचा रहूँगा।
  2. अगर पिछले due date को मैंने बिल में बताया हुआ पूरा अमाउंट नहीं भरा है –  इस दूसरे sitiation में मान  लेते हैं की इस महीने की 8 तारीख़ को जो की मेरा पेमेंट डेट होता है। मैंने पूरा अमाउंट dues जो की 24000 रुपये  ( As for example ) था, का partial अमाउंट या minimum amount जो की 5 हज़ार रुपये था ही भरा । सो अभी मेरे रिमेनिंग अमाउंट जो की 19 हज़ार होगा पर  interest देना होगा, और मेरा बैंक मुझे इस interest  अमाउंट पर 18 % GST भी चार्ज करेगा। तो अभी जब मेरा अगला स्टेट्मेंट 18 तारीख़ को बनेगा तो मेरा पिछला dues , फ़ाइन , GST interest अमाउंट पर, और इस महीने मेरे द्वारा किए गए ख़र्च, सब कुछ जोड़कर आएगा।

Due date / Payment date क्रेडिट कार्ड का क्या होता है – 

क्रेडिट कार्ड का due डेट वो फ़ाइनल दिन होता है जिस दिन या उससे पहले आपको अपना कार्ड का बिल पेमेंट करना होता है। अगर आपने अपना पूरा अमाउंट टाइम पर पे कर दिया तो आपको कोई भी extra चार्जेज़ नहीं देने होते हैं। बिल पेमेंट डेट के साथ  आपके कार्ड में दो बातें मेन्शन रहती हैं-

  • Minimum अमाउंट due 
  • Total अमाउंट Due 

minimum अमाउंट due आपके कार्ड का वह अमाउंट होता है, जो आपको किसी भी हाल में अकाउंट को updated रखने के लिए पे  करना ज़रूरी होता है। minimum अमाउंट का भुगतान करके  आप अपने कार्ड पर  लगने वाले पेमेंट delay फ़ाइन से बच सकते हैं। मिनमम अमाउंट आपका बैंक आपको जेनरेट करके देता है जो लगभग १० %  आपके टोटल बिल का होता है।

Total अमाउंट due आपके कार्ड का टोटल बिल होता है जो आपके statement में  दिखता है।आप टोटल अमाउंट पे  करके हर तरह के penalty से बच सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड और उनका maximum interest फ़्री डेज़- 

HDFC क्रेडिट CARD – 50 दिन 

SBI क्रेडिट कार्ड – 50 दिन 

kotak mahindra क्रेडिट कार्ड – 48 दिन 

standard charted क्रेडिट कार्ड– 53 दिन 

ICICI BANK क्रेडिट कार्ड- 50 दिन 

INDUSIND BANK क्रेडिट कार्ड- 50 दिन 

CANARA BANK क्रेडिट कार्ड – 50 दिन 

AXIS BANK क्रेडिट कार्ड- 50 दिन 

common Questions related to क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle – 

  1. क्या सही टाइम पर पेमेंट करने पर भी कोई GST भरना परता है ?

नहीं, अगर आपने सही टाइम पर, मतलब due डेट या उससे पहले पूरा पेमेंट कर दिया है तो आपको कोई भी GST या फ़ाइन नहीं देना होता है। दरसल GST आप केवल अपने कार्ड पर लगने वाले interest, penalty या फ़ाइन पर पे करते हैं।आपके principal amount पर आपको कोई भी तरह का GST नहीं लगता है।

2.  क्या बिल पेमेंट डेट या due डेट हर महीने बदलता है?

जी हाँ, कुछ cases में बिल पेमेंट डेट हर महीने एक या दो दिन से आगे पीछे होता है। दरसल आपका बिल जेनरेशन डेट मतलब statement बनने  का डेट फ़िक्स्ट होता है तो बिल जेनरेट होने के 20 दिन बाद या कुछ कार्ड में 15 या 25 दिन बाद भी आपको पेमेंट करना पड़ता है , तो अगला महीन 30 दिन का है या 31 दिन का 28 दिन का इसके अनुसार आपको पेमेंट के लिए कभी एक दिन ज़्यादा या कम मिलता है। जैसे की अगर मेरे कार्ड का बिल जेनरेशन डेट 18 तारीख़ है, तो मेरा बिल पेमेंट का मुझे 20 दिन बाद ८ तारीख़ तक करना होगा अगर ये महीना 30 दिन का है।अगर ये महीना 31 दिन का है तो मेरा पेमेंट डेट 7 तारीख़ को ही आ जाएगा।इसलिए कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड के स्टेट्मेंट को ध्यान से पढ़े और due डेट क्या है,याद रखे।

एक दूसरे कसे में अगर मेरे किसी कार्ड का बिलिंग डेट 06 तारीख़ को है तो मेरा पेमेंट डेट 20 दिन बाद 26 को होगा। तो जैसे की आप समझ पा रहे होंगे,मेरे इस कार्ड का पेमेंट डेट हमेशा एक ही रहेगा। महीना 30 दिन का है 31 दिन का ये चेंज नहीं होगा।

3. क्या बिलिंग cycle डेट को चेंज किया जा सकता है?

जी हाँ, अगर आपके बिलिंग cycle, मतलब आपके कार्ड का बिल जेनरेशन डेट और पेमेंट डेट से आपको कोई प्रॉब्लम है तो आप अपने बैंक को रिक्वेस्ट कर सकते है अपना बिलिंग cycle को चेंज करने के लिए।मतलब आपका statement कब जेनरेट हो और आपका due डेट उसके अनुसार कब आए, यह आप बैंक को रिक्वेस्ट लेटर देकर बदल सकते हैं।

4. बिलिंग साइकल के अनुसार अपने ख़र्च को कैसे प्लान कर सकते हैं?

आप अपने बिलिंग डेट या स्टेट्मेंट डेट के अनुसार अपने बड़े purchases को प्लान कर सकते हैं,और बहुत सारा पैसा सेव कर सकते है। जैसे की अगर आपके कार्ड का बिलिंग डेट 18 तारीख़ है तो आपको कोई भी बड़ा आइटम अपने कार्ड के थ्रू  19 तारीख़ या उसके बाद ही ख़रीदना चाहिए,जिससे की आपका ये ख़रीदारी आपके नेक्स्ट month के बिल में ही कैल्क्युलेट किया जाएगा, और पेमेंट आपको उसके अगले महीने के due डेट पे करना होगा, मतलब आपको लगभग 50 दिन का interest फ़्री पिरीयड मिल जाएगा।

5. क्या बिल जेनरेट होने के बाद remainig क्रेडिट लिमिट का उपयोग कर सकते हैं, बिल पे करने से पहले?

जी हाँ आपके कार्ड में जो भी लिमिट बचा है statement genarate होने के दिन उसका use आप कर सकते हैं, करेंट बिल पे करने से पहले और उसका calculation आपके नेक्स्ट month के बिल में होगा। इसके लिए बैंक आपको कोई फ़ाइन बगैरह नहीं लगता है।

6.क्रेडिट कार्ड का बिल टाइम पर पे नहीं करने के क्या नुक़सान हो सकते हैं?

क्रेडिट कार्ड का बिल अगर आप टाइम पर नहीं भरते हैं तो आप भारी नुक़सान में जा सकते हैं। बिल्ड अमाउंट पर भारी इंट्रेस्ट के साथ साथ आपको बहुत सारा पेनल्टी और उसके ऊपर GST भी देना पड़ेगा। आपका बैंक हर महीने credit bureau को आपका पेमेंट history का record भेजता है, जिसके अनुसार क्रेडिट bureau आपको cibil score जेनरेट करता है।तो अगर आपने अपने कार्ड का पेमेंट सही टाइम पर नहीं किया तो आपका cibil स्कोर गिर जाएगा,और आप भविष्य में कोई भी लोन नहीं ले पाएँगे, किसी भी बैंक से।

7. क्रेडिट कार्ड का केवल minimum amount भरने के क्या नुक़सान हैं ?

अगर आप अपने कार्ड का minimum amount ही पे  कर रहे हैं तो आपको नान पेमेंट का पेनल्टी नहीं लगेगा। बाक़ी interest आपके remaining amount पर चलता ही रहेगा।इसलिए हमेशा कार्ड का पूरा dues clear करे।

 

क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle को आसान भाषा में समझने के लिए आप ये video देख सकते हैं।साथ में मेरे इस चैनल को subscribe करना भी ना भूले।

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